बड़े भाई ने मेरी बुर की सीलतोड़ चुदाई की- 2

हॉट  गर्ल ओरल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने बड़े भाई को अपने साथ सेक्स करने के लिए गर्म किया और मैंने उसका लंड चूसा. उसने मेरी बुर कैसे चाटी?

दोस्तो, मैं अनुष्का अपने भाई के साथ चुदाई कहानी के पहले भाग
मेरी अन्तर्वासना और बड़े भाई की मर्दानगी
में आपको बता रही थी कि मैं एक सेक्स कहानी पढ़ कर अपने भाई से चुदने की सोचने लगी थी.

अपने भाई को उत्तेजित करने के लिए मैं कहानी में बताई गई तरकीबों को अमल में लाने लगी थी.
मैं गाहे बगाहे उससे लिपटने चिपकने लगी थी, वो भी मेरे जिस्म से चिपक कर मजा लेने लगा था.

जब मैं उससे चिपकने की कोशिश करती तो मुझे उसका लौड़ा खड़ा महसूस होने लगता था.

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फिर ऐसे ही कुछ दिन निकले.
अब मुझे यकीन तो हो गया था कि मेरा भाई भी मुझे चोदना चाहता है, पर वो कहने से डरता है.

मुझे अब सही वक़्त का इंतजार था.
अब मैं अपने बॉयफ्रेंड से भी बात नहीं करती, बस अपना सारा टाइम अपने बड़े भाई के बारे में सोचती रहती और उसके साथ सेक्स करने के सपने देखती रहती.

आखिरकार वो पल आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था.

एक दिन मेरे पापा किसी काम से बाहर गए हुए थे.
मम्मी और मेरे छोटे भाई उज्ज्वल को मेरी मौसी के यहां जाना था.
उन दोनों को मौसी के घर से 4-5 दिन बाद वापस आना था. वो मुझे और मेरे बड़े भाई अंकित को यहीं छोड़ कर चले गए.

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वैसे तो हमारा एक संयुक्त परिवार है, लेकिन हमारी अपने बाकी घरवालों से ज़्यादा नहीं बनती इसीलिए मुझे उनके घर पर होने की कोई टेंशन नहीं थी.

वैसे भी हमारे मकान का हिस्सा अलग बना हुआ है.
हमारा घर तीन मंजिल का है. सबसे नीचे अम्मा बाबाजी, उससे ऊपर चाचा-चाची और सबसे ऊपर हम लोग रहते थे.

जिस दिन मम्मी और अंकित मौसी के घर गए, मेरे मन में अपने भाई से चुदने के लिए लड्डू फूटने लगे.
हां हल्का सा डर भी था, पर इस खुशी के आगे वो डर बहुत मामूली था.

मुझे खुश देख कर मेरे भाई अंकित ने पूछा- क्या बात है … आज तुम बहुत खुश लग रही हो.
मैंने कहा- हां, कुछ बात है.

वो बोला कि मुझे नहीं बताओगी!
मैंने इठला कर कहा- अभी पता लग जाएगा.

ये कह कर मैंने उसे आंख मार दी और आगे चल दी.
फिर हम दोनों ने खाना खाया.

मैं उससे बार बार आंख मार देती.
वो मुझसे पूछता- क्या हुआ?
मैं उससे कुछ नहीं कहती, बस अदा से अपनी गांड मटकाती हुई आगे बढ़ जाती.
ऐसे ही पूरा दिन निकल गया.

कुछ देर बाद मैं और अंकित दोनों बेड पर लेट गए.
उस दिन अंकित दिन में ही सो गया.

मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रही पर अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.

हम दोनों ने लोवर और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैं पहले थोड़ा उठी और अपने भाई की बॉडी पर हल्का हल्का हाथ फेरने लगी और अपनी बॉडी पर भी हाथ फिराने लगी.

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कुछ देर बाद मैंने देखा कि अंकित उठ गया है तो मैं सोने की एक्टिंग करने लगी.
मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और परेशान करती हूँ.

फिर मैंने उसके पैर के ऊपर अपना पैर रख दिया.
उसी समय मुझे उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हुआ, जो कि अच्छा ख़ासा लग रहा था.

कुछ देर बाद मैं उठ गई और शाम के खाने की तैयारी करने लगी.

हम दोनों ने खाना खाया और फिर बातें करने लगे. हम दोनों टीवी देख रहे थे.

मैं अंकित के बाजू में बैठी उसे छेड़ रही थी. मैं कभी उसे च्यूंटी काटकर परेशान करती, कभी कुछ.

हम दोनों टीवी पर फिल्म देखने लगे.
मैं उससे चिपक कर बैठी रही और फिल्म देखती रही.
उस समय मेरा एक दूध उसकी बांह से बार बार रगड़ खा रहा था.

उसका लंड फूल रहा था जिसे मैं कनखियों से देख रही थी.

अब रात के दस बज गए थे तो हम दोनों ने सोने का तय किया.

मैंने अंकित से कहा- आज तुम अपने रूम में नहीं सो, मेरे साथ ही सो जाओ. मुझे अकेले नहीं सोना.

पहले उसने कुछ सोचा, फिर वो मान गया.
अब हम दोनों रूम में जाकर सोने लगे.

हम दोनों एक ही बेड पर पास पास लेटे हुए थे और अपना अपना मोबाइल चला रहे थे.
तकरीबन 11 बजे अंकित मुझसे बोला- सोना नहीं है क्या … सो जाओ, मोबाइल सुबह चला लेना.
मैंने उसकी बात में कुछ इशारा समझा और उससे ओके बोल कर आंखें मूंद लीं.

मैं मन में सोचने लगी कि तुझे क्या पता कि मेरा आज का क्या प्लान है.

वैसे मेरा आज का प्लान ये था कि आज अंकित को ऊपर से ही गर्म करूंगी और कल इसके साथ मजे करूंगी.
पर मुझे क्या पता था कि कामदेव को कुछ और ही मंजूर था.

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थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि अंकित सो गया तो मैंने अपनी हरकतें शुरू कर दीं.

मैं अपने भाई से चिपक गई और सोने का ड्रामा करने लगी.

मैंने अभी अपने एक हाथ को अपने भाई के जिस्म पर लपेटा था और मैं उसके रिएक्शन का इन्तजार कर रही थी.

उसने कुछ भी विरोध नहीं किया तो मैंने अपने जिस्म को उसकी पीठ से सटा दिया और अपनी गर्म सांसें उसकी गर्दन पर छोड़ने लगी.

वो अब थोड़ा सा कसमसाया और पलटने की कोशिश करने लगा.
मैंने अपने हाथ हटा लिए और जरा सा अलग हो गई.
वो मेरी तरफ मुँह करके लेट गया.

मैंने फिर से अपने सीने को उसके सीने से चिपका दिया और उसके लंड को फूलता हुआ सा महसूस करने लगी.

अब मैं अंकित की बॉडी पर हाथ फिराने लगी. मैं खुद भी अपने मम्मों पर भी हाथ फेरने लगी.

मैं काफ़ी गर्म हो चुकी थी और मुझे महसूस हुआ कि अंकित के लंड में कसावट आ रही है.

इस बीच मैंने उसका लोवर नीचे सरका दिया था जिसका उसने जरा भी विरोध नहीं किया था.
आख़िरकार मुझे भी तो अपने भाई का लंड देखना था.

जब उसका लोअर नीचे हुआ तो मैंने महसूस किया कि उसका लंड अभी भी चड्डी में था.
मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा और धीरे से चड्डी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर धीरे धीरे उसे नीचे को खिसकाने लगी.

मेरे भाई ने भी मेरी मन:स्थिति समझ ली थी.
उसने अपने हाथ से अपने अंडरवियर को नीचे जांघों तक कर दिया.

उसका लंड चड्डी से बाहर आ गया था. उसका लंड पूरा खड़ा हो गया, तब मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
मेरे भाई का लंड अच्छा ख़ासा हथियार था.

हालांकि उसके लंड का सही साइज़ तो मुझे बाद में अपनी बुर में लेने के बाद पता लगा था.

अंडरवियर में से उसका बाहर को झांक रहा था और मैं भी उस वक़्त सिर्फ़ समीज़ और पैंटी में थी.

मैंने ब्रा इसीलिए नहीं पहनी थी क्योंकि मेरे साइज़ की इतनी छोटी ब्रा मुझे पहनना अच्छा नहीं लगता था.

मैं अब अपने भाई के मूसल लंड के लिए तड़फ़ रही थी.
अब तक मैंने पॉर्न वीडियो में ही लंड देखा था और आज असलियत का लंड देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैं जल्द से जल्द भाई का लंड अपनी बुर के अन्दर लेने को तैयार थी.
उसका तनतनाता लंड देख कर मेरा मन कर रहा था कि इसे अभी के अभी अपनी बुर में ले लूं.

पर मैंने थोड़ा सब्र किया.

मैंने सेक्स कहानी में ये पढ़ा था कि अगर कोई लड़की, लड़के का लंड चूसती है, तो वो लड़का खुद को संभाल नहीं पाता और खुद भी बेचैन हो जाता है.

ये याद करते ही मैंने ऐसा करने का फैसला कर लिया.
जबकि मुझे ये बात उस टाइम तक पता नहीं थी कि लंड कैसे चूसा जाता है पर फिर भी उस वक्त बुर की चुल्ल मेरी बुद्धि पर हावी हो गई थी.

अब तक मैंने अंकित का अंडरवियर काफी नीचे कर दिया था.
उसका मूसल हवा में तन्ना रहा था.

अब मैंने उसके लंड पर अपना मुँह रखा और उसे बिल्कुल पॉर्न वीडियो की तरह चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि अंकित जाग गया है और उन्ह उन्ह करके अपना लंड मेरे मुँह में दे रहा है, तब मैं बिंदास उसका लंड चूसने लगी.

अब वो अपनी आंखें खोल कर मेरी ओर देखने लगा.

मैंने मुस्कुरा कर उसे आंख मारी और उसके लंड को एक बार अच्छे से मुँह में अन्दर भर लिया.
जब वो कुछ बोलने वाला था तो फाटक से उठ कर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके लंड पर अपनी बुर रगड़ने लगी.

अब वो कुछ भी नहीं बोल रहा था … बस धीरे धीरे मेरा साथ दे रहा था.
उसने भी मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए थे.

थोड़ी देर होंठ चूसने के बाद उसने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया.

मैं अपने भाई के साथ उस चूमाचाटी में पागल हुई जा रही थी.
फिर उसने मेरी समीज़ को एक झटके में उतार दिया और वो धीरे धीरे से मेरे छोटे छोटे नींबू के साइज़ के चूचों पर किस करने लगा.

उस समय मेरे चूचे नींबू के साइज़ के थे लेकिन आज तो मेरे मम्मे अच्छे ख़ासे बड़े हो गए हैं.

फिलहाल मेरा भाई मेरे दूध अपने मुँह में पूरा भर कर चूस रहा था और ज़ोर से मसल रहा था.

वो ऐसा करके मुझे और भी मदहोश बना रहा था.
फिर वो धीरे धीरे नीचे बढ़ने लगा. उसने पहले मेरे पेट पर चूमा, फिर मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी बुर के ऊपर के भाग पर चुम्बन करने लगा.

फिर वो मेरे पैरों पर, मेरी जांघों पर किस करने लगा और मुझे तड़पाने लगा.

उसने अपनी भी टी-शर्ट और अंडरवियर को पूरा निकाल दिया और सीधा मेरे ऊपर चढ़ गया. उसने एक बार मेरे होंठों पर किस किया और हाथ बढ़ा कर मेरी पैंटी निकाल दी.

उसके सामने मेरी कोमल दूध सी सफेद, बिना बालों वाली कुंवारी बुर थी.
मैंने आज ही अपनी सीलपैक बुर को अपने भाई के लंड के लिए चिकनी की थी.

मेरा भाई पहले तो मेरी बुर को ध्यान से देखने लगा.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाई ऐसे क्या देख रहे हो?

इस पर उसने कुछ नहीं बोला और अगले ही पल मेरी बुर पर अपना मुँह रख दिया.
वो मेरी बुर पर जीभ फिराने लगा जिससे मैं एकदम से सिहर उठी और हॉट गर्ल ओरल सेक्स से अलग ही दुनिया में पहुंच गई.

पता नहीं क्यों उसकी जीभ में अलग ही जादू था.
इससे पहले मेरी सहेली वर्णिका ने भी काफ़ी बार मेरी बुर चाटी थी पर मुझे आज जैसा कभी महसूस नहीं हुआ था.

मेरा भाई मेरी बुर को ऐसे चाट रहा था जैसे वो कोई पेशेवर जिगोलो हो.

उसके बुर चाटने से मेरे मुँह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने उससे कहा- आंह भाई अब और नहीं सहा जाता … प्लीज़ जल्दी से कुछ कर दो, नहीं तो मैं ऐसे ही तड़प तड़प कर मर जाऊंगी.

अब वो रुक गया और उसने मुझसे पूछा- क्या तुम अभी कुंवारी हो?
मैंने हां में सिर हिलाया.

फिर वो बिस्तर से उठ कर मुझसे अलग हो गया.
मैं तो उसके इस रुख से एक बार को तो डर ही गई कि उसने ऐसा क्यों किया.

दोस्तो, मैं अपने भाई के साथ हुई चुदाई का पूरा विवरण आपको अगले भाग में लिखूँगी.
यह हॉट गर्ल ओरल सेक्स कहानी आपको मजेदार लगी या नहीं? आप मुझे मेल करें और प्लीज़ कोई गंदे कमेंट्स न करें.
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हॉट गर्ल ओरल सेक्स कहानी का अगला भाग: ब्रदर सिस्टर सेक्स कहानी

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