मैंने अपने गे दोस्त की गांड मारी. मुझे इसका कोई शौक नहीं था पर एक रात सोते हुए उसने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया और गांड मारने को कहने लगा.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्षद है. मेरी पिछली सेक्स कहानी
सौतेली मम्मी की चुदाई की भूख मिटाई
आप सभी ने पढ़कर प्रशंसा की, उसके लिए आपको बहुत धन्यवाद.
आप सभी ने बहुत सारे ईमेल भेजे, लेकिन मैं सभी को जबाब नहीं दे सका, इसके लिए माफ कर देना दोस्तो.
मेरे पास और भी अनेकों सच्ची घटनाएं हैं जो कामुकता से भरी हुई हैं.
समय न मिल पाने की वजह से एक साथ सभी को नहीं लिख पा रहा हूँ.
फिर भी समय निकाल कर आपके लिए लिखता रहूँगा.
अब एक नयी सेक्स कहानी पेश है. इसमें मैंने मेरे करीबी Gay Dost Ki Gand Mari.
मेरे दोस्त का नाम विलास है. वो मुझसे तीन साल बड़ा है. उसकी उम्र 28 साल है, कद 5 फुट का है.
दिखने में वो सामान्य है और मेरा बहुत ही करीबी दोस्त है.
हम दोनों छह साल से एक दूसरे को जानते हैं.
ये कहानी तीन साल पहले उस वक्त की है, जब वो एक कंपनी में जॉब करता था और मैं कॉलेज में पढ़ता था.
उस वक्त विलास एक किराये के मकान में रहता था.
रविवार छुट्टी के दिन हम दोनों बहुत ही एन्जॉय करते थे.
उस दिन घूमना फिरना, फिल्म देखना, खाना पीना, मतलब पूरा दिन एक साथ रहते थे.
कभी कभी मैं उसके रूम में भी सो जाता था.
लेकिन मैंने अभी तक उसे कभी गलत नजरिए से नहीं देखा था. हम दोनों बहुत ही हंसी मजाक के साथ वक्त बिताते थे.
एक दिन ऐसे ही रविवार को दिन भर इधर उधर घूमने के बाद बहुत देर हो गयी थी.
रात के आठ बज चुके थे तो विलास बोला- यार हर्षद बहुत भूख लगी है. हम दोनों आज बाहर ही खाना खाकर मेरे रूम पर जाएंगे. तुम भी मेरे साथ रूम पर सो जाना. मैं तेरे घर फोन करके बता दूंगा, बहुत देर हो गयी है. तेरे घरवाले इंतजार कर रहे होंगे.
तो मैंने उससे कहा- मैं ही फोन किए देता हूँ.
मैंने अपने घर में फोन करके बता दिया कि आज मैं विलास के रूम पर ही सो जाऊंगा.
खाना खाकर हम दोनों रूम में आए, तब तक दस बज चुके थे.
विलास ने हम दोनों के लिए सोने की तैयारी की.
उसने मुझे एक लुंगी पहनने को दे दी. उसने भी दूसरी लुंगी पहन ली.
मुझे सिर्फ लुंगी पहन कर ही सोने की आदत है तो मैं अपना अंडरवियर और बनियान निकाल कर लुंगी पहन ली और बेड पर लेट गया.
विलास भी मेरे बाजू में सिर्फ लुंगी लपेट कर ही सो गया.
थकावट की वजह से मैं तुरंत सो गया लेकिन कुछ देर बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ दबाव महसूस होने के कारण मेरी नींद खुल गयी.
मैंने देखा कि विलास मेरी तरफ मुँह करके सोया था और उसका एक हाथ लुंगी के ऊपर से ही मेरे लंड पर था.
तब मैंने सोचा कि शायद वो नींद में है.
ये सोच कर मैंने नजरअंदाज कर दिया और आंखें बंद करके सो गया.
थोड़ी देर में फिर से हलचल हुयी.
मैं चुपचाप लेटा था.
विलास को लगा कि मैं गहरी नींद में हूँ, तो उसने मेरे लंड को ऊपर से ही आहिस्ता आहिस्ता दबाना चालू कर दिया.
मुझे भी मजा आ रहा था.
थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था.
विलास ने मेरा लंड लुंगी से बाहर निकाल दिया और हिलाने लगा.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैंने भी जागने का नाटक करके विलास से कहा- यार विलास ये क्या कर रहा है … सोने दे न मुझे!
वो बोला- हर्षद यार तेरा लंड कितना लंबा और मोटा है. पहली बार मैं ऐसा लंड देख रहा हूँ … तेरा लंड क्या मस्त डंडे जैसा है.
ऐसा बोलते बोलते उसने मेरी लुंगी खोल दी और मुझे नंगा कर दिया. वो खुद भी नंगा हो गया.
अब उसने 69 की पोजीशन में आकर मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में पकड़कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
मैं भी मस्ती में आ गया और मजे लेने लगा. मैं वैसे ही पड़ा रहा.
मेरा मुँह उसके लंड के पास था.
मैंने गौर से देखा तो मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि विलास का लंड इतना छोटा सा है.
तब मैंने हाथ में लेकर देखा, तो सिर्फ चार इंच ही लंबा रहा होगा और काफी पतला भी था.
हालांकि उसका लंड कड़क हो गया था, फिर भी इतना छोटा सा था कि मुझे हंसी सी आ रही थी.
मैंने उसके लंड को अपने एक हाथ की मुट्ठी में पकड़ लिया और दबाने लगा.
उधर विलास मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिराने लगा था.
मुझे भी अब बहुत मजा आ रहा था. वो अपनी खुरदरी जीभ लंड पर चला रहा था और एक हाथ से मेरी गांड पर अपना हाथ फिरा रहा था.
मैं भी एक हाथ से उसका लंड हिला रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांड को दबा रहा था.
बीच बीच में मैं उसकी गांड में उंगली भी डाल रहा था.
अब विलास से रहा नहीं गया, उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.
मैं पहली बार किसी आदमी से और वो भी मेरे दोस्त से अपना लंड चुसवा रहा था. मैं भी उसका टुन्नू पकड़ कर सहला रहा था.
विलास मेरे हाथ पर हाथ रखकर अपना लंड छुड़ाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मैं माना नहीं और उसका टुन्नू लंड हिलाता ही रहा.
इतने में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल हो गया.
मैं समझ गया कि वो क्यों मेरा हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रहा था.
उसने अपनी लुंगी से मेरा हाथ और उसका सोया हुआ लंड साफ किया.
फिर विलास ने उठकर क्रीम की बोतल उठाई और मुझे घुटने के बल खड़ा रहने को बोला. मैं भी घुटने के बल खड़ा हो गया.
विलास ने क्रीम निकाल कर मेरे लंड पर डाली और वो मेरे लंड की मालिश करने लगा.
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वो मेरे लंड सहलाते हुए बोला- हर्षद तेरा लंड कितना लंबा और मोटा है. मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद आया है. सच में बहुत नसीब वाला है तू कि तूने ऐसा लंड पाया है. जो भी औरत तेरे लंड से चुदेगी, वो फिर से तेरे पास ही चुदवाने आएगी. लेकिन आज ये लंड मैं अपनी गांड में लेना चाहता हूँ. मेरी गांड में बहुत आग लगी है. तू उसे बुझा दो हर्षद. बहुत दिनों से मेरी इच्छा थी कि कोई आए और मेरी गांड में लंड डालकर मुझे चोदे. वो दिन आज आ गया है. मैं आज अपनी गांड मरवा लूंगा और वो भी अपने ही दोस्त के बड़े लंड से.
मैं भी आज अपने दोस्त की गांड मारने के लिए राजी हो गया था.
विलास ने अच्छी तरह से लंड को क्रीम लगाकर चिकना बना दिया और मेरे सामने ही मेरी तरफ गांड ऊपर करके और मुँह गद्दे पर रखकर हो गया.
वो मुझसे बोला- मेरी गांड में उंगली डालकर क्रीम लगाओ और गांड का छेद बड़ा करो.
मैं उंगली पर क्रीम लेकर अपने दोस्त की गांड में डालकर घुमाने लगा.
उसे बड़ा मजा आ रहा था.
फिर मैंने दो उंगली गांड में डाल दीं तो वो कराहने लगा.
विलास बोला- आंह आहिस्ता से घुमाओ हर्षद … मैं पहली बार ही ये सब कर रहा हूँ. मेरी बहुत दिनों की इच्छा थी तेरा लंड लेने की. अब रहा नहीं जाता हर्षद. प्लीज़ घुसा दे.
अब मेरा लंड भी बहुत फड़फड़ाने लगा था, बहुत दिनों से मैंने भी चुदाई नहीं की थी.
मैंने विलास की गांड को दोनों हाथों से थपथपाया. गांड को दोनों तरफ तानकर लंड का सुपारा उसकी खुली हुई गांड में रखकर जोर से धक्का दे दिया लेकिन लंड फिसल गया.
फिर से उसकी गांड को दोनों तरफ तानकर मैंने सुपारे का टोपा छेद पर रखकर जोर का धक्का मारा तो मुश्किल से सुपारा ही अन्दर जा पाया.
विलास चिल्लाने लगा- आह फट गयी मेरी गांड हर्षद … बस कर … बहुत बड़ा है तेरा लंड … आंह मैं मर जाऊंगा.
मैं उससे बोला- थोड़ा दर्द और सहन कर लो. बाद में हम दोनों को बहुत मजा आएगा विलास.
उसने मरी सी आवाज में कहा- आंह … ठीक है.
फिर मैंने आहिस्ता आहिस्ता धक्के देकर आधा लंड गांड में डाल दिया.
लेकिन विलास को बहुत तकलीफ हो रही थी. उसके मुँह से दर्द भरी आवाज निकलने लगी थी.
मुझे भी उसकी कोरी गांड मारने में बहुत तकलीफ हो रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरा लंड छिला जा रहा हो.
विलास ने मेरे लंड पर हाथ रखकर कहा- अरे यार, तेरा तो अभी भी इतना बाहर है हर्षद … बता न कितना अन्दर गया है?
मैंने बोला- बेटा अभी आधा ही अन्दर गया है. लेकिन तू डर मत विलास, मैं तुझे ज्यादा तकलीफ नहीं दूँगा.
फिर मैंने लंड का दबाव बढ़ाया और दो इंच लंड और अन्दर डाल दिया.
मैं थोड़ा रुक गया.
अब विलास को सहलाते हुए मैंने कहा- अब कैसा लग रहा है?
विलास- आंह अभी ठीक लग रहा है हर्षद.
ये सुनकर मैंने अपना लंड सुपारे तक बाहर निकाला और फिर से लंड पर क्रीम लगा कर आहिस्ता आहिस्ता लंड अन्दर बाहर करके पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
मैंने विलास से फिर पूछा- अब कैसा लग रहा है. मैंने पूरा लंड गांड के अन्दर डाल दिया है.
उसने नीचे से एक हाथ गांड के होल पर लगाया और मेरे लंड को टटोल कर देखा, तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था.
उसने खुश होते हुए कहा- यार हर्षद, तेरा इतना बड़ा लंड कैसे अन्दर घुस गया. तू बहुत ही कमाल का मर्द है और मेरा अच्छा दोस्त है … सच में यार बहुत मजा आ रहा है. मेरा दर्द भी खत्म हो गया है.
मैंने कहा- अभी हम दोनों को और मजा आएगा विलास.
मैंने ये कहा और अपने दोनों हाथों से कमर को पकड़कर लंड बाहर निकाला.
फिर से लंड पर और ज्यादा क्रीम लगाकर उसकी गांड में एक ही धक्के में पूरा डाल अन्दर दिया.
वो जोर से कराहने लगा लेकिन अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था तो मैं जोर जोर से अपना लंड उसकी गांड में अन्दर बाहर कर रहा था.
मेरा लंड पूरी तरह से जोश में था. क्रीम लगाने की वजह से उसकी गांड से पच पच की आवाज निकल रही थी.
इस तरह दस मिनट तक विलास की गांड को ठोकने के बाद मेरा झड़ने का समय आ गया.
विलास भी बहुत मजा ले रहा था.
वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके मेरे लंड पर दबाव डालकर पूरा लंड अन्दर ले रहा था.
मैंने उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया था, इससे वो भी मजा लेने लगा था.
अब हम दोनों चरम सीमा पर पहुंच गए थे.
मैंने विलास से कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ, माल कहां डालूं?
विलास बोला- यार हर्षद, मैं तेरे लंड का अमृत अपनी गांड में महसूस करना चाहता हूँ. तुम मेरे अन्दर ही झड़ जाओ और मेरी गांड की प्यास बुझा दो.
मैं भी यही चाहता था.
फिर मैंने आठ दस जोरदार धक्के लगाए और झड़ गया.
विलास की गांड मेरे लंड को अन्दर खींच रही थी और वो मेरा लंडरस अपनी गांड में महसूस कर रहा था.
अब वो पेट के बल लेट गया.
मैं भी वैसे ही उसकी गांड में लंड रखकर उसके ऊपर लेट गया.
हम दोनों थक गए थे.
आधा घंटे से अधिक देर से हम दोनों गांड चुदाई कर रहे थे.
दस मिनट हम ऐसे ही पड़े रहे थे.
जब मेरा लंड सिकुड़कर उसकी गांड से बाहर आया तो मैं उठकर उसके बाजू में सो गया.
विलास भी उठ गया.
उसकी गांड से लंडरस बाहर बहने लगा था.
विलास ने हाथ में रस लेकर अपनी जीभ से लगाकर टेस्ट किया और कहा- यार हर्षद, तेरे लंडका अमृत बहुत ही गाढ़ा और टेस्टी है, बहुत मजा आया.
उसने अपनी लुंगी से मेरा लंड और अपनी गांड को साफ दिया.
इसके बाद मैंने विलास की आंखों में देखा तो वो समझ गया और उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया.
वो मेरा लंड चूसने लगा था. सच में मेरा दोस्त बहुत मस्त लंड चूस रहा था.
थोड़ी ही देर में मेरा लंड डंडे जैसे हो गया तो विलास ने बोला- यार, एक बार मैं फिर तेरा मोटा लंड अपनी गांड में लेना चाहता हूँ.
मैंने कहा- विलास मैं तुम्हें खुश देखना चाहता हूँ. मैं तुम्हारी गांड मारने के लिए फिर से तैयार हूँ.
हम दोनों फिर से लग गए और आधे घंटे तक मैंने विलास की गांड की पलंगतोड़ चुदाई की.
चुदाई करके हम दोनों नंगे सो गए.
विलास अपनी गांड मेरे लंड पर दबाव रखकर सो गया.
रात का एक बज गया था.
मैंने भी उसे अपनी बांहों में समेट लिया और सो गया.
सुबह मेरी आंख खुली तो आठ बज गए थे.
विलास नहाकर तैयार हो रहा था. उसे अपनी ड्यूटी पर जाना था.
मैं खड़ा हो गया तो मेरी समझ में आया कि मैं नंगा ही था और मेरा लंड डंडे की तरह तना हुआ था.
विलास मेरे पास आया और अपने दोनों हाथों में मेरा लंड पकड़कर बोला- यार, तेरे मोटे लंड ने मुझे बहुत मजा दिया. अब हर संडे मैं इसके साथ ही रहूँगा.
उसने मेरे लंड पर चुम्बन कर दिया.
मैंने भी उसे बांहों में लेकर कहा- अब ये तेरा ही है, तुम जब चाहे इसे अपनी गांड में ले सकते हो.
दोस्तो, मैंने अपनी कहानी सुनाई जिसमें मैंने गे दोस्त की गांड मारी, आपको कैसी लगी, मुझे मेल करें.
अगली कहानी में मैं दोस्त की बीवी की चूत चुदाई लिखूँगा.
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गे दोस्त की गांड मारी कहानी से आगे की कहानी: गांडू सेक्स हिंदी कहानी